गीत में फिर प्रीत की निर्बाध मादकता मिला दो | शब्द की तृष्णा बुझा दो, भाव की मदिरा पिला दो |
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 18 नवम्बर 2017 को लिंक की जाएगी ....http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
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